जनवरी की शाम को L-1 प्वाइंट पर पहुंचेगा आदित्य, ISRO ने बता दिया तारीख और टाइम, अब सूरज पर भारत का होगा परचम
कुछ समय पहले ही इस सैटेलाइट के सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप ने सूरज की पहली बार फुल डिस्क तस्वीरें ली थी. ये सभी फोटोज 400 नैनोमीटर वेवलेंथ की थी. इस तस्वीर में.
नई दिल्लीः सोलर मिशन के तहत इसरो द्वारा भेजे गए आदित्य 6 जनवरी 2024 की शाम को करीब चार बजे के आसपास अपने एल-1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा. इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने कहा कि आदित्य-एल1 6 जनवरी को शाम 4 बजे अपने एल1 बिंदु पर पहुंच जाएगा. हम इसे रणनीतिक रूप से उस हालो ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए अंतिम पैंतरेबाजी करेंगे. सूर्य के एल-1 प्वाइंट को हालो ऑर्बिट कहा जाता है. साल 2023 में इसरो ने सूरज की स्टडी के लिए आदित्य सोलर ऑब्जरवेटरी को भेजा था.
सूर्य के एल-1 प्वाइंट से धरती के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी
कुछ समय पहले ही इस सैटेलाइट के सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप ने सूरज की पहली बार फुल डिस्क तस्वीरें ली थी. ये सभी फोटोज 400 नैनोमीटर वेवलेंथ की थी. इस तस्वीर में सूरज कुल 11 अलग-अलग रंगों में नजर आया था. L1 अंतरिक्ष में उन पांच पोजिशन में से एक है जहां सूर्य और पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां अट्रैक्शन और रिप्लशन के उन्नत क्षेत्रों का निर्माण करती हैं, जो मोटे तौर पर एक दूसरे को संतुलित करती हैं. यह प्वाइंट पृथ्वी से लगभगयह प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यह दूरी दोनों पिंडों के बीच की कुल दूरी का केवल 1 प्रतिशत है.
2 सितंबर को लॉन्च हुआ था आदित्य एल-1 मिशन
बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से देश का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 लॉन्च किया था. लैरेज प्वाइंट यानी L. यह नाम गणित जोसेफी-लुई लैरेंज के नाम पर दिया गया है. इन्होंने ही इन लैरेंज प्वाइंट्स को खोजा था. जब किसी दो घूमते हुए अंतरिक्षीय वस्तुओं के बीच ग्रैविटी का एक ऐसा प्वाइंट आता है, जहां पर कोई भी वस्तु या सैटेलाइट दोनों ग्रहों या तारों की गुरुत्वाकर्षण से बचा रहता है.