Parshuram Jayanti 2024 Date: इस दिन मनाई जाएगी परशुराम जयंती, नोट करें सही डेट और महत्व
Parshuram Jayanti Kab hai: इस साल अक्षय तृतीया पर खरीदारी के अलावा भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जयंती मनाई जाएगी. ऐसे में इस साल परशुराम जयंती कब है और परशुराम जन्मोत्सव पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, आइए जानें
Parshuram Jayanti 2024 Kab ki Hai: कालांतर में भगवान परशुराम जी चिरंजीवी कहलाते हैं. परशुराम जी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं. भगवान परशुराम जी की पूजा करने से लंबी आयु का वरदान मिलता है. साथ ही शत्रु पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में खुशहाली आती है. हर साल वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया पर भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है. इस बार परशुराम जयंती कब मनाई जाएगी, इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है और भगवान परशुराम जयंती क्यों मनाई जाती है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
वैशाख माह में जगत पालनहार भगवान विष्णु ने कूर्म, बुद्ध और परशुराम जी के रूप में अवतार लिया था. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर परशुराम जयंती मनाई जाती है. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाते हैं. भगवान परशुराम भार्गव वंश में जन्मे भगवान विष्णु के छठवें अवतार हैं और उनका जन्म त्रेतायुग में हुआ था.
परशुराम जयंती 2024 कब है (Parshuram Jayanti 2024 Date)
इस साल परशुराम जयंती 10 मई 2024 शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाएगी. भगवान परशुराम ने ब्रह्मणों-ऋषियों पर होने वाले अत्याचार का अंत किया था. भारत के पश्चिमी तट पर भगवान परशुराम को समर्पित कई मंदिर हैं.
परशुराम जयंती 2024 शुभ मुहूर्त (Parshuram Jayanti 2024 Muhurat)
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई 2024 को सुबह 4:17 पर शुरू होगी और अगले दिन 11 मई 2024 को प्रात: 2:50 पर इसका समापन होगा. इस तिथि पर प्रदोष व्यापिनी में पूजा करनी चाहिए क्योंकि भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल है, इसलिए परशुराम जी की पूजा शाम को करें.
- सुबह पूजा का समय – सुबह 07:14 – सुबह 08:56
- प्रदोष काल पूजा समय – शाम 05:21 – रात 07:02
भगवान विष्णु जी ने क्यों लिया परशुराम अवतार? (Why did Vishnu ji took Parshuram avatar)
भगवान विष्णु ने ब्रह्मणों-ऋषियों को अत्याचारों से मुक्त कराने और पापी, विनाशकारी एवं अधार्मिक राजाओं का विनाश कर पृथ्वी से अत्याचार हरने के लिए परशुराम जी के रूप में 6वां अवतार लिया था. इनके क्रोध से सभी देवी-देवता कांपते थे. धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक बार परशुराम ने क्रोध में आकर भगवान गणेश का दांत भी तोड़ दिया था.
क्रोधी स्वभाव के हैं भगवान परशुराम
कई पौराणिक कथाओं में भगवान परशुराम का वर्णन मिलता है, जिससे ज्ञात होता है कि परशुराम जी बेहद क्रोधी स्वभाव के थे. साथ ही कथाओं में यह भी वर्णन है कि परशुराम जी अमर हैं और श्रृष्टि के अंत तक वे धरती पर विराजमान रहेंगे.
परशुराम भगवान की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ
ऐसी मान्यता है भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम साहस के देवता हैं. परशुराम जी का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र में रात के प्रथम पहर में पुत्रेष्टि से हुआ था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य का कभी खत्म न होने वाला फल मिलता है और इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के साहस में वृद्धि होती है और भय से छुटकारा मिलता है.
भगवान परशुराम के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल और उनके जवाब
सवाल- 2024 में परशुराम जन्मोत्सव कब है?
जवाब- परशुराम जयंती महर्षि परशुराम जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा राज्यों में यह 2024 में 10 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी.
सवाल- परशुराम जी के कितने पुत्र थे?
जवाब- दो पुत्र च्यवन और ऋचीक तथा एक पुत्री हुई जिसका नाम रेणुका था.
सवाल- परशुराम की जयंती कब मनाई जाती है?
जवाब- हर साल बैसाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया पर भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को अक्षय तृतीया भी कहते हैं.
सवाल- परशुराम का असली नाम क्या है?
जवाब- महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार, परशुराम जी का असली नाम राम था लेकिन जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र दिया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया. पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर वे राम कहलाए.
सवाल- परशुराम का दुश्मन कौन था?
जवाब- परशुराम जी का शत्रु सहस्त्रार्जुन और उनके पुत्र थे.
सवाल- परशुराम का इतिहास क्या है?
जवाब- परशुराम जी भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक हैं. महाभारत और पुराणों के अनुसार, परशुराम का जन्म ब्राह्मण ऋषि से हुआ था. जमदग्नि और राजकुमारी रेणुका, क्षत्रिय वर्ग के सदस्य थे.
सवाल- परशुराम जयंती क्यों मनाई जाती है?
जवाब- धार्मिक मान्यता है वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर भगवान विष्णु ने छठे अवतार भगवान परशुराम के रूप में जन्म लिया था. अक्षय तृतीया को भी परशुराम जयंती के रूप में मनाते हैं