सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी से कई सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा कि चुनाव से पहले ही केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों हुई? केजरीवाल केस में क्या कुर्की हुई है? मामले में कार्रवाई और गिरफ्तारी के बीच लंबा वक्त क्यों रहा?
Arvind Kejriwal, Supreme Court
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. केजरीवाल ने गिरफ्तारी को कोर्ट में चुनौती दी है.
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी से कई सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा कि चुनाव से पहले ही केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों हुई? केजरीवाल केस में क्या कुर्की हुई है? मामले में कार्रवाई और गिरफ्तारी के बीच लंबा वक्त क्यों रहा?
कोर्ट ने ईडी की जांच पर उठाए सवाल
एएसजी एसवीर राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद 1100 करोड़ रुपये अटैच किए जा चुके हैं.
इस पर कोर्ट ने पूछा कि मिस्टर राजू, दो सालों में 1100 करोड़ कैसे हो गए? आपने पहले कहा था कि 100 करोड़ रुपये का मामला है. इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ऐसा शराब पॉलिसी के फायदे की वजह से हुआ. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि पूरी आय अपराध की आय कैसे हुई?
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की फाइल भी ई़डी से मांगते हुए कहा कि दो सालों से जांच चल रही है. ये किसी भी जांच एजेंसी के लिए सही नहीं है कि दो सालों तक इस तरह जांच चले.
एसवी राजू ने कहा कि हमें पता चला कि अरविंद केजरीवाल के गोवा चुनाव के दौरान 7 सितारा होटल में रुकने के खर्च का कुछ हिस्सा उस व्यक्ति ने चुकाया था, जिसने शराब कंपनियों से नकद पैसे लिए थे. हम दिखा सकते हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये मांगे थे. किसी भी आरोपी या गवाह के बयानों में केजरीवाल को दोषमुक्त करने वाला एक भी बयान नहीं है.
जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि बयानों में केजरीवाल का नाम पहली बार कब लिया गया? इस पर एसवी राजू ने कहा कि 23 फरवरी 2023 को बुची बाबू के बयान में उनका नाम सामने आया था.
इस पर कोर्ट ने पूछा कि आपको इतना समय क्यों लगा? हमारा सवाल है कि आपने देरी क्यों की? एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर हम शुरुआत में ही केजरीवाल के बारे में पूछना और उनकी जांच शुरू कर देते तो गलत लगता. केस को समझने में समय लगता है. बातों की पुष्टि करनी होती है.
21 मार्च से जेल में हैं केजरीवाल
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने उन्हें मामले में पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे. हालांकि, केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि वह घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे और सीधे तौर पर शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे. इन आरोपों को खारिज करने वाली AAP कहती रही है कि दिल्ली में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे.