भारतीय राजनीतिज्ञों की इमानदारी एक विषय है जिस पर बहुत से लोगो के मन मे सवाल उठते हे. वास्तव मे ,इमानदारी राजनीतिज्ञों की अभिशाला एवं सत्यनिष्ठा के बावजूद उन्हे घेरती विभिन्न आरोपों और संदेहों की वजह से है.
इमानदारी का महत्व एक लोक तांत्रिक समाज मे अत्यंत महत्वपूर्ण है. यदि हमारे नेता इमानदार होंगे, तो सरकारी नितीयो का पालन किया जायेगा, और देश के लोगो के प्रति सरकार की विश्वास पात्रता बढेंगी. हालांकी, दुष्प्रचार, भ्रष्टाचार और बहारी हवाओ के प्रभाव से कही राजनीतिज्ञ अपने आपको दुसरे नीतीज्ञों के तुलमा तुलनात्मक उदाहरणों से अलग कर देते है.
कुछ नेता भ्रष्टाचार के मामलो मे बसे है. तो दुसरी और कुछ नेता आपने आपको इमानदार और सेवा के लिए समर्पित कर रहे है. इसलिये, हमे सभी नेताओ को एक ही रूप मे जांचना गलत होगा. हमे उन नेताओ की सारा ना करणी चाहिये जो सामाजिक न्याय, सामान्य जनता के हितो और देश के विकास के प्रति संकल्पित है.
तो हम आपको भारत के सबसे इमानदार प्रधानमंत्री कोण हे ये बताने वाले है और ये सब राजीव दीक्षित जी का केहना है. जिओ हम आपको लेखी रूप मे लिख के बताते है.
राजीव दीक्षित जी केहते है. मे भारत को भारतीय था की मान्यता के आधार पर फिरसे खडा करना चाहता हु.उसमे मै लगा हु.
राजीव दीक्षित:- कितने भी इमानदार आदमी को आप प्रधानमंत्री बना दो अगर सिस्टम वही है. या तो सिस्टम मे लूट करेंगा नही तो सिस्टम उसे बाहर निकाल के फेक देंगा. क्यु की ये सिस्टम लूट कोई पसंद करता है. और कुछ पसंद नही है सिस्टम को आप जानते है. इस अंग्रेजो के बनाये गये व्यवस्था तंत्र मे भारत के कही इमानदार लोक और सिस्टम ने उनको बहार फेक दिया नही चलने दिया. दो नाम तो आपके सामने है. एक ते श्री लाल बहादूर शास्त्री और दुसरे ते श्री मोरारजी देसाई. दोनो ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनकी कसम खाई जाती थी. शास्त्री जी जब प्रधानमंत्री बने थे ना तो धोती फटी हुई थी उनकी जब उन्होने शपथ ग्रहण किया था. फटी मे शपथ ग्रहण किती और पता चला की उनके पास दो ही धोतिया थी और दोई कुर्ते थे जब ओ प्रधानमंत्री बने. तो किसी ने कहा अब तो प्रधानमंत्री हो गये. किसी ने क्या तो उनकी धर्म पत्नी ने कहा अब तो नई धोती लेलो. तो उनका ये कहना था की करोडो भारत के किसान जप तक फटी धोती पेहनते है तब तक मुझे नाही धोती पहनने का अधिकार नही है. ऐसे इमानदार प्रधानमंत्री जग घुसे सिस्टम मे तो सिस्टम ने ऊन्हे बर्दाश नही किया निकाल दिया मार डाला हत्या कर दी उनकी. अब तक ये दुनियावालो को बताया गया की शास्त्री जी की मृत्यू हुई थी हृदय घात से. राजीव दीक्षित जी और केहते है की और मे बीसीओ साल से चिल्लाते आ रहा हु मेरा पुराना इतिहास पडले तो उसमे आपको पता चलेगा की ओ मरे नही ते हत्या कि गई थी उनकी क्युकी रुसमे ताश्कंद मे जब हो गये थे पाकिस्तान से समझोता करणे के लिये. तो वो शाम तक स्वस्त थे और रात को अचानक से मर गये. तो भारत मे रिपोर्ट रिलीज हुई थी. तो ये कहा गया था कि उन्हे हार्ट अटॅक हुआ था जब की हार्ट अटॅक उनको हो नही सकता. क्युकी बीपी उनका नॉर्मल था, शुगर उनको थी नही, ब्लड प्रेशर उनको था नही, हायपर टेंन्शन था नाही, हाय पोटेंन्शन था नाही, शुगर नही थी. अटॅक होई नही सकता. कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल था, ड्रायगेलीस्टाईल नॉर्मल थी. जब हो गये थे तो उस समय उनकी सारी चेकअप हुई थे तो उसकी रिपोर्ट दिल्ली में दर्ज हे. ओ सब मैने देखी है ऐसा राजीव दीक्षित जी केहते है.
वहा तो ये हुआ था की रात मे जब उन्होने बातचीत पुरी की पाकिस्तान के साथ तो उनका एक रसोय्या उनके साथ रहता था हमेशा जिसको वो साथ लेके जाते थे. और उनका नियम था कि किसी दूसरे का हात का बना हुआ खाना नही खाते थे हो रसोय्ये के हात का ही खाना खाते थे. उनके रसोय्ये ताश्कंद मे अपहरण हुआ. कुछ लोग उसको पकड के ले गये और उस रसोय्ये के जगह पर किसी दूसरे व्यक्ती को रसोय्ये बना दिया गया. और शास्त्री जी रात को अक्सर दूध पिते ते खाना नही खाते थे. रात का खाना उन्होने तब से छोड था जब से अमेरिके के साथ समजोता रद्द हुआ था. आप जानते है अमेरिका से लाल रंग का गेहू आता था (पिएल४८०) योजना के तहत. शास्त्री जि ने ओ गेहू लेना बंद कर दिया था. तो देश मे गेहू की कमी आ गयी थी. तो देश के लोगो को शास्त्री जी ने अपील की थी की गेहू की कमी है. तो मे अपमान जनक शरतो पर मे अमेरिका से गेहु नही ले सकता. तो सारा देश मेरी मदत करे. सप्ताह मे एक दिन लोग व्रत करे उपवास करे. तो भारत के करोडो लोगो ने सोमवार को व्रत रखना शुरू कर दिया. ऐसे थे शास्त्रीजी . तो लोगो को व्रत करवाया तो खुद भी व्रत रखते थे तो शाम का खाना नही खाते थे खाली दूध पिके सोते थे. तो रात को उनके दूध मे जहर मिला दिया गया. और किसने मिलाया. नकली रसोय्या उनका रखा गया असली रसोय्ये का अपहरण करके. और उनके असली रसोय्ये की बाद मे हत्या कर दी गई थी. ए सारे सबूत भारत सरकार के पास है. लेकिन सरकार इनको लोगो से बताने के लिए डरती है. क्युकी उस हत्या मे ऐसे कही बडे लोगो के हाथ हे. की जिंकी चेहरे खुल जाये तो शकल दिखाना मुश्किल हो जायेगा. कारण एकही था की सिस्टम मे शास्त्रीजी फिट नही है. क्युकी हो बहुत इमानदार थे. ए सिस्टम इमानदार लोगो को बर्दाश नही करता. क्युकी ये लूट का सिस्टम है. इसमे इमानदार आदमी रही नही सकता. और दुसरा उदाहरण (मोरारजी देसाई) का है.
जिंकी सरकार सव्वादो साल भी नही चल पायी गिरा दी गई. तो लूट के सिस्टम मे लुटेरा ही फिट बैठेगा. आप ये जान लो ये लूट के सिस्टम मे दस साल पंधरा साल पंधरा साल राज कर रहा है. तो ओ सिस्टम के साथ चल रहा है इसीलिए पंधरा बीस साल राज कर रहा है.(लेकिन ए आज के जमाने मे नही है आज के जमाने मे सेक्युरिटी टाइट कर दी गई है . लेकिन ए सब राजीव दीक्षित जी का केहना है.) क्युकी सिस्टम लूट रहा है तो ओभी लुट रहा है. बस अंतर इतना है कि उसमे बंदर बाट हो रही है. और जो सिस्टम के साथ बंदर बाट कर लेंगा तो उसी की डिमांड सिस्टम मे पंधरा-वीस साल रहेंगी. तो आप समजलो कोई पांच साल दस साल मुख्यमंत्री रहे गया. तो कारण क्या उसने भी लुटा सिस्टम को भी दिया इसलिये रह गया. इमानदार को तो सिस्टम रहने नही देता. अब हमारे सामने गंभीर प्रश्न है, यक्ष प्रश्न है. की ओ ये है ये लूट की व्यवस्था जैसे चल रही है ईस्को वेसे हि चलने दिया जाय. अंग्रेजो ने जो लूट का तंत्र बनाया है इसको ऐसेही बने रहने दिया जाय. और जैसे अब तक लुटा है वैसे आगे भी देश लुटाता रहै. एक तो ये रास्ता है और हमारे देश मे बहुत लोग है. जो इस रास्ते पर चलना पसंद करते है. हो हे केहते है की तुम को क्या पडी है चलने दो ना जैसा चल रहा है. और(राजीव दीक्षित) जी आगे केहते है की. बहुत लोग मुझे भी सोजाव देते है की तुम्भी यार आजाओ ना उस सिस्टम मे. मै आपको बिना नाम के केहता हु की मुझे ऐसे बीसीओ ऑफर आ चुकी है कि हम तुम्हे हम तुम्हे mp बनाते है ना यहा से तिकीट लेलो तुम भी आ जाओ ना इसमे. राज्यसभा लेलो, लोकसभा लेलो, तुम्हारी चॉईस की टिकीट लेलो. और मे पुछता हू फिर क्या